यूटिलिटी सॉफ्टवेयर क्या है
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility Software) को सर्विस प्रोग्राम (Service Program) के नाम से भी जाना जाता हैं| यह एक प्रकार का कंप्यूटर सॉफ्टवेयर है इसे विशेष रूप से कंप्यूटर हार्डवेयर (Hardware), ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) या एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) को व्यवस्थित करने में सहायता हेतु डिजाईन किया गया है| यूटिलिटी सॉफ्टवेयर को यूटिलिटीज (Utilities) अथवा सर्विस रूटीन्स (Service Routines) भी कहा जाता हैं |
“Utility Software वे Software होते है जो कंप्यूटर को Repair कर Computer कि कार्यक्षमता को बढ़ाते है तथा उसे और कार्यशील बनाने में मदद करते हैं”
विभिन्न प्रकार के यूटिलिटी सॉफ्टवेयर उपलब्ध है जैसे-डिस्क डिफ्रैगमेन्टर (Disk Defragmenter), एन्टीवायरस प्रोग्राम (Anti-Virus Programs), डिस्क और फाइल रिकवरी प्रोग्राम (Disk and File Recovery Programs), स्टोरेज-बैकअप प्रोग्राम (Storage Back up Programs) इत्यादि|
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं –
- Disk Defragmenter
- Scan Disk
- Disk Cleanup
- Anti virus
- Disk Checker
- Virus Scanner
टैक्स्ट एडिटर (Text Editor)
टैक्स्ट एडिटर एक यूटिलिटी प्रोग्राम होता हैं, जो टैक्स्ट फाइल्स को क्रिएट तथा एडिट करने के काम आता हैं। यह मेमोरी में संग्रहीत किसी भी फाइल अथवा टैक्स्ट फाइल (Text File) को ओपन कर, उसे पढ़ने/देखने की सुविधा भी प्रदान करता हैं। यह किसी प्रोग्राम में लिखे गये कोड को इन्टरप्रेट (Interpret) नहीं कर सकता हैं। यह किसी भी टैक्स्ट फाइल को इन्सर्ट,डिलीट,किसी टैक्स्ट को खोजने (Find) और रिप्लेस (Replace) करने की सुविधा प्रदान करता हैं। नोटपैड विन्डोज ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रयुक्त होने वाला सर्वाधिक लोकप्रिय एडीटर हैं।
बैकअप यूटिलिटी (Backup Utility)
यह प्रोग्राम डेटा को एक स्टोरेज डिवाइस (Storage Device) से दूसरी स्टोरेज डिवाइस पर ट्रान्सफर (Transfer) करने की सुविधा प्रदान हैं। सामान्यत: इसका उपयोग डेटा का बैकअप (Backup), करने के लिए किया जाता हैं। बैकअप से तात्पर्य डिस्क पर संग्रहीत डेटा। इन्फारमेशन की डुप्लीकेट कॉपी (Duplicate Copy) तैयार करने से होता हैं। डेटा के खोने (Loss) अथवा नष्ट (Damage) होने पर बैकअप लिए गये डेटा से इन्फार्मेशन/डेटा को पुन: प्राप्त किया जा सकता हैं। बैकअप लिए गये डेटा का उपयोग करने के लिए इसे रिस्टोर (Restore) करना पड़ता हैं। डेटा को बैकअप यूटिलिटी (Backup Utility) के द्वारा ही रिस्टोर (Restore) किया जाता हैं।
डिस्क डिफ्रैगमेन्टर (Disk Defragmenter)
यह भी एक यूटिलिटी प्रोग्राम होता हैं। कम्प्यूटर में डेटा को डिस्क (Disk) पर फाइल के रूप में संग्रहीत किया जाता हैं। जब किसी फाइल का आकार (Size) बहुत अधिक हो जाता हैं, तो वह फाइल फ्रैगमैन्टेड (Fragmented) हो जाती हैं, अर्थात् उस फाइल का कंटेंट (Contents) डिस्क पर एक सेक्टर (Single Sectors) में स्टोर नहीं हो पाता हैं। परिणामस्वरूप उस फाइल का कंटेंट (Contents) विभिन्न सेक्टर्स (Sectors) में तितर-बितर (Scattered) ढंग से स्टोर हो जाता हैं| जिसके कारण उस फाइल की एक्सेसिंग (Accessing) धीमी (slow) हो जाती है, और सिस्टम की परफॉरमेन्स (Performance) भी धीमी (slow) हो जाती हैं।
डिस्क डिफ्रैगमेन्टर डिस्क पर संग्रहीत फाइल्स के फ्रैगमेन्टेशन (Fragmentation) को कम करता हैं। यह डिस्क पर संग्रहीत प्रत्येक फाइल के कन्टेन्ट्स (Contents) को एक कन्टीगुअस ब्लॉक (Contiguous Block) में व्यवस्थित कर देता हैं। परिणामस्वरूप फाइलों की एक्सेस (Accessing) तेज हो जाती हैं और सिस्टम का परफॉरमेन्स (Performance) भी तेज हो जाता हैं।
एन्टी-वायरस प्रोग्राम (Anti-Virus Programs)
एन्टी वायरस एक प्रकार की युटिलिटी हैं, जो कम्प्यूटर को वायरस (Virus) के आक्रमण से बचाता हैं, साथ ही वायरस ग्रसित कम्प्यूटर से वायरस हो हटा देता हैं। कम्प्यूटर वायरस (Virus) एक प्रकार का प्रोग्राम होता हैं जो यूजर (User) के द्वारा इवेन्ट (Event) किये जाने पर एक्टिव (Active) हो जाता हैं तथा कम्प्यूटर को नुकसान पहुचाता हैं। यह कम्प्यूटर सिस्टम को सही से कार्य नहीं करने देता हैं तथा पूरे सिस्टम को हैंग (Hang) कर देता हैं। जब कोई सिस्टम वायरस से संक्रमित (Infected) को भी नुकसान पहुचाते हैं, जैसे, डाटा को करप्ट (Corrupt) करना अथवा लॉस ऑफ डाटा (Loss Of Data) तथा बूट सेक्टर को खराब कर देना इत्यादि।
एन्टीवायरस सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर से वायरस का पता लगाकर उसे निष्किर्म अथवा डिलीट (Delete) करके कम्प्यूटर को वायरस के आक्रमण से सुरक्षित करता हैं। एन्टीवायरस, कम्प्यूटर में वायरस का पता लगाने के लिए पूरे कम्प्यूटर सिस्टमको स्कैन (Scan) करता हैं तथा यदि कोई भी वायरस मिलता हैं तो उसे बाहर निकाल देता हैं, कुछ एन्टीवायरस हमेशा मैन मेमोरी (main Memory) में मौजूद रहते हैं तथा वायरस द्वारा किए जाने वाले कार्यों की देख-रेख करते रहते हैं।
कम्प्रेशन यूटिलिटी (Compression Utility)
कम्प्रेशन यूटिलिटी (Compression Utility) का प्रयोग डेटा को कम्प्रेश (Compress) करके उनका साइज (Size) छोटा करने के लिए किया जाता हैं, जिसके परिणामस्वरूप वह मेमोरी में कम स्पेश लेता हैं। डेटा का साइज (Size) कम होने के कारण डिस्क की स्टोरेज क्षमता (Storage Capacity) बढ़ जाती हैं, तथा डिस्क पर अधिक डेटा स्टोर (Store) किया जा सकता हैं। किसी भी कम्प्रेश डेटा/फाइल को सीधे-सीधे (Directly) प्रयोग नहीं किया जा सकता, क्योंकि कम्प्रेश डेटा को पहले वास्तविक रूप में लाया जाता हैं जिसके लिए कम्प्रेश डेटा को पहले एक्स्ट्रेक्ट (Extract) करना पड़ता हैं। कम्प्रेश डेटा/फाइल Zip को फाइल भी कहते हैं क्योंकि यह फाइल Zip फॉरमेट (Format) में होती हैं।
फाइल मैनेजर (File Manager)
फाइल मैनेजर (File Manager) एक प्रकार का प्रोग्राम होती हैं, जिसके द्वारा डिस्क पर फाइले क्रिएट (Create), कॉपी (Copy), डिलीट (Delete) तथा अपडेट (Update) करने की सुविधा प्राप्त की जाती हैं। इसके द्वारा डिस्क को फॉर्मेट (Format) भी किया जा सकता हैं।
अनइन्सटालर (Uninstaller)
यह एक प्रकार की यूटिलिटी होती हैं, जिसके द्वारा कम्प्यूटर पर इन्सटाल (Installed) किसी भी प्रोग्राम को अनइन्सटाल (Uninstall) किया जाता हैं। यह यूटिलिटी ऑपरेटिंग सिस्टम पर इन्सटाल्ड (Installed) सभी सॉफ्टवेयर्स की एक सूची (List) भी प्रदर्शन करता हैं तथा उन्हें अनइन्सटाल (Uninstall) करने की सुविधा भी प्रदान करता हैं।
0 टिप्पणियाँ
Thanks for your feedback