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ऑपरेटिंग सिस्टम का परिचय (Introduction of operating system)

ऑपरेटिंग सिस्टम का परिचय (Introduction of operating system)

ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) कंप्यूटर यूजर और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच एक इंटरफ़ेस है। ऑपरेटिंग सिस्टम एक सॉफ्टवेयर है जो फ़ाइल प्रबंधन, मेमोरी प्रबंधन, प्रक्रिया प्रबंधन, इनपुट और आउटपुट को संभालने और पेरिफेरल डिवाइस जैसे कि डिस्क ड्राइव और प्रिंटर को नियंत्रित करने जैसे सभी बुनियादी कार्य करता है। कुछ लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम में Linux Operating System, Windows Operating System, VMS, OS/400, AIX, z/OS आदि शामिल हैं।

introduction of operating system in hindi
OPRETING SYSTEMS

ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर प्रोग्रामो का सेट होता है जो कंप्यूटर की समस्त क्रियाओ को संचालित व नियंत्रित करता है| कंप्यूटर सिस्टम के विभिन्न हार्डवेयर उपकरण स्वयं अपने बल पर कार्य नहीं कर सकते और न ही एक दूसरे से तालमेल स्थापित कर सकते है ये सभी उपकरण ऑपरेटिंग सिस्टम द्धारा दिये जाने वाले इलेक्ट्रोनिक सिग्नलों के द्धारा संचालित होते है ,जिस प्रकार आर्केस्ट्रा में म्यूजिक आर्गेनाइजर के इशारे पर विभिन्न वादक वाद्य बजाते है और एक सामूहिक प्रस्तुति देते है, ठीक उसी प्रकार ऑपरेटिंग सिस्टम के द्धारा दिये जाने वाले सिग्नलों के अनुसार कंप्यूटर के उपकरण अपना अपना कार्य करते हुए सयुक्त रूप से किसी निश्चित कार्य को पूरा करते है |

Operating System (OS) एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है, जो कि कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के resources का प्रबंधन करता है और common service प्रदान करता है | Operating System कंप्यूटर के मेमोरी और प्रोसेसिंग का भी प्रबंधन करता है | कोई भी कंप्यूटर बिना OS  के नहीं चल सकती है क्योकि ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर का सबसे जरुरी प्रोग्राम है जो की सभी साधारण और महत्वपूर्ण कार्य जैसे कीबोर्ड द्वारा इनपुट किये जा रहे Keys को समझना, output को मॉनिटर स्क्रीन पर भेजना, हार्डडिस्क पर फाइल्स और डायरेक्टरी को manage करना,  और सभी कंप्यूटर के सभी parts से संचार स्थापित करना शामिल है |

ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य (Functions of Operating System)

ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं।


  • Memory Management
  • Processor Management
  • Device Management
  • File Management
  • Security
  • Control over system performance
  • Job accounting
  • Error detecting aids
  • Coordination between other software and

Memory Management

मेमोरी मैनेजमेंट, प्राइमरी मेमोरी या मेन मेमोरी के मैनेजमेंट को संदर्भित करता है। मेन मेमोरी शब्दों या बाइट्स का एक बड़ा ऐरे है जहां प्रत्येक शब्द या बाइट का अपना पता होता है। मुख्य मेमोरी एक तेज़ स्टोरेज प्रदान करती है जिसे सीपीयू द्वारा सीधे एक्सेस किया जा सकता है। किसी प्रोग्राम को एक्सीक्यूट करने के लिए, यह मुख्य मेमोरी में होना चाहिए। एक ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी मैनेजमेंट के लिए निम्नलिखित गतिविधियाँ करता है –

  • प्राइमरी मेमोरी का ट्रैक रखता है, यानी इसका कौन सा भाग किसके उपयोग में है, कौन सा भाग उपयोग में नहीं है।
  • मल्टीप्रोग्रामिंग में, ओएस तय करता है कि किस प्रक्रिया को कब और कितनी मेमोरी मिलेगी।
  • जब कोई प्रक्रिया को इसकी आवश्यकता नहीं है या इसे समाप्त कर दिया गया है, तो डी-मेमोरी को आवंटित करता है।

Processor Management

मल्टीप्रोग्रामिंग वातावरण में, ओएस तय करता है कि किस प्रक्रिया को प्रोसेसर कब और कितने समय के लिए मिलता है। इस फंक्शन को प्रोसेस शेड्यूलिंग कहा जाता है। एक ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोसेसर प्रबंधन के लिए निम्नलिखित गतिविधियाँ करता है –

  • प्रोसेसर और प्रक्रिया की स्थिति पर नज़र रखता है। इस कार्य के लिए जिम्मेदार प्रोग्राम को ट्रैफिक कंट्रोलर के रूप में जाना जाता है।
  • प्रोसेसर (सीपीयू) को एक प्रक्रिया में आवंटित करता है।
  • जब प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं रह जाती है, तो प्रोसेसर को डी-आवंटित करता है।

Device management

ऑपरेटिंग सिस्टम अपने संबंधित ड्राइवरों के माध्यम से डिवाइस कम्युनिकेशन का प्रबंधन करता है। यह डिवाइस प्रबंधन के लिए निम्नलिखित गतिविधियाँ करता है –

  • सभी डिवाइसेस का ट्रैक रखता है। इस कार्य के लिए जिम्मेदार प्रोग्राम  I / O कंट्रोलर के रूप में जाना जाता है।
  • यह तय करता है कि कौन सी प्रक्रिया डिवाइस को कब और कितने समय के लिए मिलती है।
  • डिवाइस को कुशल तरीके से आवंटित करता है।
  • डिवाइसेस को डी-आवंटित करता है।

File Management

फ़ाइल सिस्टम को सामान्य रूप से आसान नेविगेशन और उपयोग के लिए डायरेक्टरी में व्यवस्थित किया जाता है। इन डायरेक्टरी में फ़ाइलें और अन्य डायरेक्शन हो सकते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम फ़ाइल प्रबंधन के लिए निम्नलिखित गतिविधियाँ करता है –

  • सूचना, स्थान, यूजर, स्टेटस आदि पर नज़र रखता है। सामूहिक सुविधाओं को अक्सर फ़ाइल सिस्टम के रूप में जाना जाता है।
  • तय करता है कि रिसोर्सेज किसे मिले।
  • रिसोर्सेज का आवंटन करता है।
  • रिसोर्सेज को डी-आवंटित करता है।

अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियाँ (Other Important Activities)

निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण गतिविधियाँ हैं जो एक ऑपरेटिंग सिस्टम करता है –

सुरक्षा (Security) – पासवर्ड और इसी तरह की अन्य तकनीकों के माध्यम से, यह प्रोग्राम्स और डेटा तक अनधिकृत पहुंच को रोकता है।

सिस्टम के प्रदर्शन पर नियंत्रण (Control over system performance) – सर्विस के लिए रिक्वेस्ट और सिस्टम से रिस्पोंस के बीच रिकॉर्डिंग देरी।

जॉब अकाउंटिंग (Job accounting) – विभिन्न नौकरियों और यूजर्स द्वारा उपयोग किए जाने वाले समय और रिसोर्सेज पर नज़र रखना।

एरर का पता लगाने में त्रुटि (Error detecting aids) – dumps, traces, error messages और अन्य डीबगिंग और एरर का पता लगाने में त्रुटि|

अन्य सॉफ्टवेयर्स और उपयोगकर्ताओं के बीच समन्वय (Coordination between other software and users)- कंप्यूटर सिस्टम के विभिन्न यूजर्स के लिए compilers, interpreters, assemblers और अन्य सॉफ़्टवेयर का समन्वय और असाइनमेंट।

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार (Types of Operating System)

  • सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Single User O.S)
  • मल्‍टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Multi User O.S)
  • बैच प्रोसेसिंग सिस्‍टम (Batch Processing O.S.)
  • मल्‍टी प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Multi Processing O.S.)

Single User Operating System

Single User Operating System वह System हैं, जिसमें केवल एक Programme केवल एक समय में execute होता हैं। अधिकांशत: Computer में Single Work Operating System का use किया जाता हैं। इन Operating System में केवल एक Problem हैं, कि इसमें एक Programme  एक Line में arrange रहते हैं। Computer System एक Programme को तुरंत execute नहीं करता हैं, जब तक कि उस Programme के साथ कोई पहचान न हो। इसके लिये Information का साथ होना बहुत जरूरी हैं, जिससे कि उस Programme को पहचान जा सके। अन्‍य hardware device भी इन Programme को execute करने के लिए इन Information की demand करते हैं। यह सारे Instruction एक Special job control language (JCL) मे लिखे जाते हैं। जिसे OS समझता हैं।

Multi User Operating System

OS विशेष Program का Group हैं, जो Computer की क्रियाओं को संचालन करता हैं, और Computer की activities को एक Program से दूसरे Program में Transfer करके speed provide करता हैं। Computer OS की सहायतासे स्‍वयं के Operation पर निगरानी रखता हैं, और स्‍वचालित रूप से अन्‍य application Program का कार्य बांटता हैं। यह अन्‍य सभी Program के instruction को machine के समझने योग्‍य बनाता हैं। यह computer की सभी गतिविधियों के संचालन तथा निंयत्रण के द्वारा user द्वारा Input किये गये data एवं result को एक device से दूसरे device में transfer करता हैं। आजकल कई OS अनेक कार्य एक साथ करने की सु‍विधा देते हैं, जिसे Multiprocessing कहते हैं। अर्थात् दो या दो से अधिक Program का एक ही समय में एक ही computer के द्वारा execute होना ही Multiprocessing कहलाता हैं। कुछ Multi-programming System में कुछ निश्चित कार्य ही execute किये जाते हैं, जिन्‍हें Multi-programming With Fix Task कहते हैं। जहां पर कार्यो की संख्‍या अनिश्चित होती हैं, वहां उसे Multi-programming With Variable Task कहते हैं।

इस तरह C.P.U एक Program से दूसरे Program पर Switch Over होता हैं। अत: Multi-programming में कई user program, C.P.U. के समय को share करते हैं, एवं उसे busy रखते हैं।

एक Multi-programming System के लिए निम्‍न‍ H/W एवं S/W की आवश्‍यकता होती हैं।

  1. Large Memory
  2. Memory Protection
  3. Paper Job Mixing

Batch Processing Operating System

Batch Processing एक बहुत पुराना तरीका हैं, जिसके माध्‍यम से विभिन्‍न Program को execute किया जाता हैं, और इसका use विभिन्‍न data Processing Center पर कार्यों को execute करने के लिये किया हैं। OS की यह technique automatic job change के सिद्धान्‍त पर निर्भर हैं। यही सिद्धान्‍त अधिकांश Operating System के द्वारा प्रदान किया जाता हैं। इस प्रकार के OS में प्रत्‍येक user अपने Program को Offline तैयार करता हैं, तथा कार्य के पूरा हो जाने पर उसे data Processing Center पर जमा करा देता हैं। एक computer operator इन सारे Program को collect करता हैं। जो कि एक card या Pinch मे रहते हैं। जब Operator Program के batch को एक-एक करके execute करता हैं, और अंत में Operator उन कार्यो के printout को प्राप्‍त करता हैं, तथा उन outputs को संबंधित user को प्रदान कर दिया जाता हैं। Batch Processing को हम Serial, Sequential, Offline or stack job processing भी कहते हैं। जब Computer को इस technique के लिये use किया जाता हैं, तो input data को execute करने के लिये operator के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं होती हैं। कार्य इसमें स्‍वत: ही हो जाते हैं। इसमें बहुत अलग-अलग कार्य एक ही समय में एक-एक करके execute किये जाते हैं।

बैच सिस्‍टम के दोष (Drawbacks of Batch System) :-

  • प्रोसेस के क्रियान्‍वयन के दौरान यूजर एवं प्रोसेस में कोई इन्‍ट्रेक्‍शन (Interaction) नहीं हो सकता था।
  • टर्न-एराउन्‍ड (turn-around) का समय अधिक होना।
  • C.P.U. अक्‍सर Idle रहता था।

Multi Processing Operating System

Multiprocessing Word का use एक Processing method को स्‍पष्‍ट करने के लिये किया जाता हैं, जहॉं पर दो या दो से अधिक Processor एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। इस प्रकार के system में different and independent Program के निर्देश एक ही समय में एक से अधिक processor के द्वारा execute किये जाते हैं। अत: Processor द्वारा विभिन्‍न निर्देश का execution एक के बाद एक किया जाता हैं, जो कि एक ही Program से प्राप्‍त हुये हो।

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